NEP 2020 क्या है?

NEP का पूरा नाम (National Education Policy) 2020है । यह हमारी नई शिक्षा नीति है, इसे हिंदी में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति” कहते हैं। यह हमारे देश की तीसरी शिक्षा नीति है। पहली नीति 1968 में दूसरी नीति 1986 में इस नीति में 1992 में कुछ बदलाव किए गए थे। और तीसरी 29 जुलाई 2020 में पेश किया गया। नई शिक्षा नीति 2020 में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं, इस नीति का बदलाव इसरो के विख्यात डॉक्टर “के. कस्तूरीरंगन” की अध्यक्षता में किया गया है। जिसे 2023 से लागू किया गया है।

नई शिक्षा नीति ‘मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय’ (MHRD) Ministry of Human Resource Development का नाम केबिनेट के द्वारा बदलकर “शिक्षा मंत्रालय” (Education Ministry) कर दिया गया है।

लक्ष्य –

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है।जिसका लक्ष्य केवल बच्चों को एजुकेटेड बनाना ही नही, बल्कि उनको स्वयं करके सीखने, तार्किक चिंतन करने एवं समस्या का समाधान करने में सक्षम बनाना है। सभी बच्चों को समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। चाहे वह बच्चे कहीं के भी निवासी हों। इसका लक्ष्य 2040 तक शिक्षा को पूर्ण रूप से कुशल बनाना है।

NEP के महत्वपूर्ण बिंदु –

इस नीति का बदलाव 34 साल बाद किया गया है।

  • NEP 2020 के तहत केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र पर GDP 6% हिस्से का निवेश किया गया।
  • इसमें M. Phil को समाप्त कर दिया गया है, और P.H.D. को जोड़ा गया है।
  • वर्ष 2030 तक अध्यापन के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड B.Ed. डिग्री का होना अनिवार्य है।
  • नई शिक्षा नीति में 10+2 वाली स्कूली व्यवस्था को 3 साल से 18 साल के सभी बच्चों के लिए पाठ्यचर्या और शिक्षण शास्त्रों के आधार पर 5+3+3+4 के नई व्यवस्था में की गई है।

NEP में 5+3+3+4 का मतलब क्या है?

यह 5+3+3+4 का चरण बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए बनाया गया है। जिससे बच्चों के foundation stage को मजबूत बनाया जा सके, जो निम्नलिखित हैं-

पूर्व-प्रारंभिक चरण – वैसे तो पहले केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्कूलों में बच्चों का एडमिशन 6 साल होने के बाद ही होता था। पर अभी के नई शिक्षा नीति में प्राइवेट स्कूलों के तरह सरकारी स्कूलों में भी बच्चों का एडमिशन 3 साल में ही हो जायेगा। इस चरण में बच्चा नर्सरी से लेकर कक्षा 2 तक रहेगा।

प्रारंभिक चरण – यह कक्षा 3 से 5 तक की होगी। इन कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाई के साथ- साथ एक्टिविटी पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा ।साथ ही बच्चा अगर हिंदी भाषा न समझ पा रहा हो तो वह अपनी मातृ भाषा में भी पढ़ सकता है।

मध्य चरण – यह चरण भी 3 साल की होगी। जिसमें कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के बच्चे होंगे। इन कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाई के साथ- साथ कंप्यूटर में कोडिंग करना सिखाया जाएगा और वोक्सनल कोर्स भी होगा, जिसमें बच्चा कोई एक कोर्स कर सकता है। जिसमें उसको नंबर भी मिलेंगे।

माध्यमिक चरण – माध्यमिक चरण 4 साल का होगा। जो कक्षा 9 से 12 तक की होगी। पहले हमलोगों को 10th के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कोई भी एक स्ट्रीम लेकर पढ़ाई करनी पड़ती थी। आर्ट्स, कॉमर्स या फिर साइंस पर अब ऐसा नहीं है क्योंकि अब आपको किसी एक स्ट्रीम को चुनना नहीं पढ़ेगा, बल्कि आप कोई भी सब्जेक्ट को पढ़ सकते हैं।

Leave a Comment