जीवन मे सफलता कैसे मिलती हैं ? सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है

सफलता कैसे मिलती हैं? सफलता की परिभाषा, सफलता क्या है आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन इस आर्टिकल मे किया गया है।

Table of Contents

सफलता का अर्थ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में समझे ताकि संदेह ना हो

सफलता = कामयाब
सफलता = उपलब्धि
सफलता = विजय
सफलता = सिद्धि
सफलता = success

सफलता का परिभाषा वास्तव में क्या होती है आइए देखे

किसी लक्ष्य या उद्देश्य को हासिल करना ही सफलता कहलाता है।

सफलता क्या है ? आइए इसे बारीकी से जानने की कोशिश करेंगे

इस दुनिया में प्रत्येक इंसान का अपना अपना लक्ष्य होता है और उस लक्ष्य को उस इंसान द्वारा प्राप्ति करना या हासिल कर पाना ही उस इंसान के लिए अपने लक्ष्य के प्रति सफलता कहा जाता है।

आसान शब्दो में कहे तो सफलता वह होती है जो आप चाहते हो यदि वह हासिल कर लेते हो तो यही सफलता होती है इसके विपरित यदि आप इसे हासिल नहीं कर पाते हो जो आप चाहते हो तो इसे असफलता कहा जाता है।

हर एक व्यक्ति का अपना जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होता है। लेकिन उनमें से कुछ व्यक्ति अपना लक्ष्य को पाने में कामयाब हो जाते हैं परंतु कुछ व्यक्ति अपना लक्ष्य को हासिल नही कर पाते हैं इसलिए इस प्रकार के व्यक्तियों को असफल व्यक्ति कहा जाता है।

व्यक्तियों के सफलता और असफलता होने के कारण , वजह और बहुत सी कारको पर चर्चा करेंगे जो आपके जीवन को सफल बनाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।

आज की दुनिया में हमसब एक successful इंसान बनना पसंद करते हैं । Successful इंसान की हमारे समाज में एक अलग पहचान और सम्मान दिया जाता है।

इसलिए आज की समाज में हमसब एक सफल आदमी बनना पसंद करते हैं। यदि आपको सफल आदमी बनना हो तो आप इस लेख को ध्यान से आगे पढ़े ।

सफलता कैसे मिलती हैं ? आइए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के बारे में जाने

दोस्तो सफलता पाने के लिए आपको नीचे दी हुई सभी महत्वपूर्ण बातें या कारक जानना बहुत ही जरूरी है आइए उन कारोको की विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।

सबसे पहले अपने Goal(लक्ष्य) निर्धारित करना चाहिए

सबसे पहले आपको अपना Goal(लक्ष्य) निर्धारित कर लेना चाहिए। आप क्या चाहते हो उसे पूरी तरह जाने और अपने Goal के बारे में प्रतिदिन thought को बनाए। आपकी Goal clear होना चाहिए।

Goal clearity से तात्पर्य यह है कि अपने लक्ष्य के प्रति आपकी संदेह (Doubt) या negative thought नही होनी चाहिए।

अपना Goal के प्रति आपकी सोच हमेशा positive होनी चाहिए। आपको प्रतिदिन अपने Goal के प्रति positive thought लाना चाहिए।

यानी आपकी Goal के प्रति आपकी thought positive है तो आपकी positive thought से आपकी दिमाग (Brain) को एक strong सिग्नल मिलता है और जैसा की हमसब जानते है हमारा दिमाग से सारा शरीर जुड़ा रहता है और पूरी शरीर का नियंत्रण दिमाग से ही होता है।

यदि हमारा दिमाग को एक strong positive सिग्नल मिलता है तो दिमाग हमारी body को उस लक्ष्य के अनुसार काम करने योग्य energy देती है जिससे हमारा body उस लक्ष्य के अनुकूल कार्य करती है और हमारी कार्य या action से ही हम उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।

दूसरी चीज Goal(लक्ष्य) के प्रति interest होनी आवश्यक है

अगर आपकी Goal(लक्ष्य) लंबी समय तक का है जैसे आपकी career हो तो उस Goal(लक्ष्य) के प्रति आपकी interest होना भी अति आवश्यक है। क्यूंकि इतने लंबे समय तक उस लक्ष्य के पीछे प्रतिदिन कार्य करने के लिए आपकी लगाव काम के प्रति होना आवश्यक है। जिससे आप प्रतिदिन उस लक्ष्य के प्रति आसानी से बने रह पाओगे।

यदि आपको किसी कार्य को करने मे interest लकता है तो आपको उस कार्य को करने में आनंद भी आएगा। यदि आपकी interest उस कार्य के प्रति नही है तो आप एक या दो दिन तक तो ठीक ही कर लोगे लेकिन लबे समय तक आप उस कार्य को नही कर पाओगे क्यूंकि आप उस कार्य को जबरजस्ति कर रहे हो जिससे आपकी मन को संतुष्ट(satisfy) नही मिलेगा। अगर मन को संतुष्ट नहीं मिलेगी तो दोबारा उस काम को करने में आपका मन नहीं लगेगा।

जिस कार्य को करने में आपकी interest होगी उसी में आपकी मन को संतुष्ट मिलेगी।अगर मन को संतुष्ट मिलेगी तो आप उस कार्य को दोबारा करने किए उत्सुक रहेंगे।

आपकी interest ही उस कार्य को करने के लिए लंबे समय तक प्रेरित (inspire) करता रहेगा। यानी लंबे समय तक उस कार्य को करने के लिए जोश , आपकी interest के कारण ही बने रहेगी।

दूसरी ओर देखा जाए तो जिस काम मे आपकी interest हो तो उसमे आपकी मन, आपकी दिमाग और आपकी body उस कार्य को करने में एक साथ लग जाती है जिससे मुश्किल से मुश्किल काम भी बहुत ही आसानी से हो जाती है।

अपना लक्ष्य के प्रति Smart planning होना आवश्यक है

अपना लक्ष्य के प्रति Smart planning होना बहुत महत्वपूर्ण है। आप अपना लक्ष्य के अनुसार एक अच्छी planning सेट करिए। अलग अलग लक्ष्य के अनुसार planning अलग अलग करना होता है।

आपको एक अच्छी रणनीति के साथ Smart planning करना चाहिए।Smart planning के अनुसार ही कार्य करके अपने लक्ष्य तक पहुंचना होता है।

अपने लक्ष्य के प्रति Knowledge और confidence होना अति महत्वपूर्ण है

अपना लक्ष्य के प्रति जितना हो सके अधिक से अधिक Knowledge प्राप्त करने का कोशिश करे क्यूंकि आपकी Knowledge ही आपको अपने लक्ष्य के प्रति आत्मविश्वास (confidence) बढ़ायेगा।

अपने लक्ष्य के प्रति आत्मविश्वास (confidence) होना बहुत जरूरी है। बीना आत्मविश्वास (confidence) के आगे बढ़ना बहुत मुश्किल है क्यूंकि अपने आप में आत्मविश्वास (confidence) नही होने से आपकी संदेह (Doubt) बढ़ेगा जिससे आपकी दिमाग में negative thought आयेगी।

इसलिए लक्ष्य के प्रति confidence होना जरूरी है और confidence होने के लिए आपके पास उस लक्ष्य के बारे में अधिक से अधिक knowledge होना जरूरी है।

अपने लक्ष्य के प्रति consistency होना भी बेहद ही जरूरी है

यदि आप अपने लक्ष्य के अनुसार प्रतिदिन कार्य करने में consistency है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए consistency होना बहुत जरूरी है।

अपना लक्ष्य के लिए प्रतिदिन action/work करना जरूरी है इसके बिना सफलता मुश्किल है

अपना लक्ष्य को हासिल करने लिए आपको प्रतिदिन काम करना होता है। अपने लक्ष्य के अनुसार प्रतिदिन काम करने के लिए आपको काम में interest होना आवश्यक है।क्यूंकि आपकी interest ही उस काम को बार बार करने के लिए आपको प्रोत्साहन करेगी।

अपना लक्ष्य पाने के लिए अपना mind,brain और body को control कैसे करें ? यह सभी प्रकार के लोगो के लिए जानना बेहद ही जरूरी है

दोस्तो आइए हम नीचे दी हुई डायग्राम की सहायता से हम ये समझने की कोशिश करेंगे की mind,brain और body को control कैसे किया जाता है।

  1. आपकी सोच (Thought )

हमारी सोच (Thought ) किसी भी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हम जो सोचते हैं या जिस matter के बारे में हम सोचते हैं वो matter हमे हमारी पहले से memory मे store हुई data से मिलती है। हम जो देखते हैं,जो सुनते हैं और जो छूते हैं वो सभी हमारी memory मे store होने के साथ साथ हम उनके बारे में सोच सकते है। हमारी सोच इसी तरह बनती है।

वर्तमान समय में आप जो करते हैं वो सभी data आपकी memory मे store होगी एवं उसी के आधार पर ही आपकी सोच बनेगी। आपकी memory मे भूतकाल और वर्तमान काल की data store रहती है। memory मे store हुई भूतकाल और वर्तमान काल की data के आधार पर ही हम भविष्य की भी सोच सकते हैं ।

हमारा सोचना एक तरफ से देखा जाए तो यह programing है जो एक मशीन को चलाने के लिए जरूरी है। जैसे आपकी mobile मे जैसा programing किया रहता है उसी प्रकार से आपकी मोबाइल काम करती है।

Programing के आधार पर ही मोबाइल काम करती है उसी तरह मनुष्य मे भी thought के आधार पर ही body काम करती है। हम जैसा सोचेंगे उसी के अनुकूल हमारा body काम करता है।

इसलिए आपको हमेशा याद रखना है कि आप वही सोचे जो आप चाहते हो या जो आपकी लक्ष्य (Goal) है। यदि आप अपने लक्ष्य के बारे में प्रतिदिन सोचोगे तो उस लक्ष्य के अनुरूप ही आपकी body भी कार्य करेगी। एक या दो दिन सोचने से आपकी Goal clearity नही होगी इसके लिए आपको प्रतिदिन अपनी Goal के बारे में thought बनाना है।

इसी तरह आपकी लक्ष्य के अनुरूप आपकी thought से हमारी mind और brain को strong सिग्नल मिलता है इसके बाद हमारी body को brain से लक्ष्य के अनुरूप आदेश मिलता है तत्पश्चात हमारा body काम करता है।

2. आपकी दिमाग (Brain)

हमारा सारा शरीर दिमाग से जुड़ा रहता है । हमारा दिमाग पूरे शरीर का नियंत्रण (control) करता है। इसलिए हमारा दिमाग को लक्ष्य के अनुसार positive सिग्नल मिलना चाहिए और यह positive सिग्नल लक्ष्य के अनुसार हमारी positive thought से आती है। जैसे जो आप सोचोगे उसी के अनुरूप हमारी brain को सिग्नल मिलती है।

3.आपकी Body

किसी भी प्रकार की कार्य को करने के लिए हमारी body की जरूरी होती है। हमारी Body , brain से मिलने वाली आदेश के अनुसार ही कार्य करती है।

कार्य सिद्धांत

हम जो सोचते इसके अनुरूप mind को आदेश मिलता है इसके बाद हमारा mind , brain को एक सिग्नल देता है और brain इस सिग्नल को समझके हमारी body को कार्य कराने के लिए आदेश देता है।

अत: हम इससे ये निष्कर्ष निकाल सकते हैं की जो हमे चाहिए उसी के अनुरूप thought बनाना है और इस thought के अनुरूप brain हमारी body को आदेश देता है तत्पश्चात हम उस लक्ष्य के अनुसार कार्य कर पाते हैं।

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