प्रयोजनमूलक हिंदी को सरल भाषा में और विस्तारपूर्वक समझे

प्रयोजनमूलक हिंदी को हम तीन तरह से समझ सकते हैं – पहला ‘बोलचाल हिंदी’ भाषा जिसे हम अपनी दैनिक जीवन में रोज़ आपस में बात करते हैं। दूसरा ‘साहित्यिक हिंदी ‘भाषा जिसे साहित्य लेखन में इसका प्रयोग करते हैं। तीसरा कार्यालयी भाषा जो कि ‘हिंदी’ है जिसे हम अपने कार्यालयों में कामकाजी भाषा के रूप में इसका प्रयोग करते हैं। जब किसी भाषा को ख़ास प्रयोजन से इस्तेमाल किया जाता है, उसे प्रयोजनमूलक हिंदी कहा जाता है।

प्रयोजनमूलक का अर्थ क्या है विस्तार से देखे और अच्छा से समझने की कोशिश करे

प्रयोजनमूलक का अर्थ होता है ‘उद्देश्य’। जब हम किसी भाषा का उपयोग किसी विशेष प्रयोजन के लिए करते हैं तो उसे प्रयोजनमूलक भाषा कहा जाता है।इसे कामकाजी हिंदी, व्यवहारिक हिंदी भी कहा जाता है।

प्रयोजनमूलक का परिभाषा क्या है आइए विस्तारपूर्वक देखें

डॉ. बापूराव देसाई के अनुसार- “साहित्यिक भाषा सिद्धांत प्रस्तुत करती है तो प्रयोजनमूलक हिंदी प्रत्यक्ष व्यावहार”।

डॉ. ब्रजेश्वर वर्मा के अनुसार- निष्प्रयोजन हिंदी कोई चीज़ नहीं है लेकिन प्रयोजनमूलक हिंदी विशेषण उसके व्यवहारिक पक्ष को अधिक उजागर करने के लिए प्रयुक्त किया गया।

डॉ. नागेंद्र के अनुसार- “वस्तुत प्रयोजनमूलक हिंदी के विपरीत अगर कोई हिंदी है तो वह निष्प्रयोजनमूलक नहीं बल्कि आनंदमूलक हिंदी है”।

प्रयोजनमूलक हिंदी के रूप क्या क्या है जो समझना अति महत्वपूर्ण है

आधुनिक युग में सामाजिक जीवन के बहुत सारे जगहों पर प्रयोग की जाने वाली भाषा प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है।

डॉ. भोलानाथ तिवारी ने प्रयोजनमूलक हिंदी के साथ रूप बताए हैं

1) साहित्यिक हिंदी

2) कार्यालय हिंदी

3) सामाजिक हिंदी

4) व्यवसायिक हिंदी

5) विधि एवं कानून कार्य संबंध हिंदी

6) जनसंचार के माध्यम के लिए प्रयुक्त हिंदी

7) विज्ञान और तकनीकी हिंदी

1) साहित्यिक हिंदी- साहित्यिक हिंदी से तात्पर्य है कविता लेखन, नाटक की भाषा । इसमें कविताएं लिखी जाती है, उपन्यास ,कहानी, नाटक आदि। इन सभी का लेखन साहित्यिक हिंदी कहा जाता है।

2) कार्यालय हिंदी- कार्यालय हिंदी इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि सरकारी कार्यालयों में इसका उपयोग किया जाता है जैसे- टिप्पणियां लिखी जाती है, खाका तैयार किया जाता है ,फाइलों पर नोटिंग की जाती है। कार्यालय हिंदी का अपना एक निश्चित प्रारूप होता है और उसी के अनुसार ही कार्यालयों में काम होता है।

3) सामाजिक हिंदी- सामाजिक हिंदी इसका प्रयोग सामाजिक कार्यकर्ता करते हैं।

4) व्यवसायिक हिंदी- व्यवसायिक हिंदी इसमें मंडियों में प्रयोग की जाने वाली भाषा, सर्राफा में प्रयोग की जाने वाली भाषा आदि आते हैं। व्यापार से जुड़े जितने भी क्षेत्र हैं उसमें व्यवसायिक हिंदी का प्रयोग किया जाता है।

5) विधि एवं कानून कार्य संबंध हिंदी- विधि एवं कार्य के क्षेत्र में, कोर्ट कचहरी में, प्रशासनिक क्षेत्रों में इस भाषा का प्रयोग किया जाता है।

6) जनसंचार माध्यम के लिए प्रयुक्त हिंदी- जनसंचार माध्यम के लिए प्रयुक्त हिंदी के बहुत सारे साधन है, जैसे- ऑडियो में, वीडियो एवं विज्ञापन में जिस हिंदी का प्रयोग किया जाता है उसको जनसंचार माध्यम के लिए प्रयुक्त हिंदी कहा जाता है।

7)विज्ञान एवं तकनीकी हिंदी- विज्ञान के क्षेत्र में जो हिंदी प्रयोग की जाती है उसे वैज्ञानिक हिंदी कहा जाता है I जिसमें फार्मूला और चिकित्सा से संबंधित भाषा आती है I

तकनीकी हिंदी इसमें टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग में जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है उसे तकनीकी हिंदी कहा जाता है I

प्रयोजनमूलक हिंदी की विशेषताएं क्या है और इन विशेषताओं की चर्चा की गई है।

प्रयोजनमूलक हिंदी की विशेषता है, प्रयोजनीयता। इसमें प्रयोग की जाने वाली भाषा सरल, स्पष्ठ एवं सटीक होती है और इसमें अलंकार, मुहावरों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

प्रयोजनमूलक हिंदी की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं प्रमुख है जिसे जानना भी अति महत्वपूर्ण है।

अनुप्रयुक्तता – अनुप्रयुक्तता या प्रयोजनीयता प्रयोजनमूलक हिंदी में राजभाषा, कार्यालयी भाषा, व्यावसायिक भाषा, वैज्ञानिक एवं तकनीक भाषा में हिंदी का ही प्रयोग किया जाता है। इसीलिए प्रयोजनमूलक हिंदी में अनुप्रयुक्तता की बहुत महत्वपूर्ण विशेषता है।

वैज्ञानिकता – विज्ञान की भाषा और शब्दावली के अनुसार ही इसकी शब्दावली में स्पष्टता एवं तार्किकता पायी जाती है। प्रयोजनमूलक हिंदी की विषयवस्तु एवं संबंधों पर आश्रित नियमों के अनुसार विश्लेषित की जाती है। यह सभी वैज्ञानिकता से ही परिपूर्ण है।

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