गुणवत्तापूर्ण शिक्षा क्या है जिसे आधुनिक युवा पीढ़ी को समझने की आश्यकता है

अभी के समय में हम सब चाहते हैं कि सभी बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और जो सभी बच्चे के काम आए।जिसमें सभी प्रकार के गुणों का समावेश हो ।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों को गरीबी के कुँए में गिरने से बचाता है I गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों के मन से सभी प्रकार के भेदभाव को कम करता I यह असमानताओं को कम करने और लैंगिक समानता तक पहुचने में मदद करती है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा किसे कहते हैं ध्यानपूर्वक समझने ताकि कोई भी एग्जाम में संदेह ना हो

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उसे कहते हैं जो छात्रों के रुचि एवं क्षमताओं को समझकर उनके अनुसार ही शिक्षा दिया जाए। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विशेष रूप से उचित कौशल विकास एवं लिंग समानता जैसे मुद्दों पर ज़ोर देती हैं I यह लोगों को एक स्वस्थ और स्थिर जीवन जीने में सक्षम बनाता है और यह शांतिपूर्ण समाज को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है? जिसे युवा पीढ़ी को समझना चाहिए

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से एक व्यक्ति स्थाई जीविका के साथ बेहतर नौकरी के अवसरों की तलाश कर सकता है और एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकता है। एक शिक्षित व्यक्ति समाज में शांतिपूर्ण जीवन यापन कर सकता है I अच्छी तरह से शिक्षित व्यक्ति समुदाय के प्रतिरोध को सहन कर सकती है और एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा बन सकती है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के निर्धारक तत्व क्या है जिसे जानना काफी आवश्यक है

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कुछ निर्धारक तत्व निम्नलिखित हैं-

पाठ्यक्रम- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में पाठ्यक्रम को सबसे प्रमुखकारक माना जाता है क्योंकि सभी विद्यालयों में पाठ्यक्रम के अनुसार ही पढ़ाई होती हैं I इसीलिए ज़रूरी है कि पाठयक्रम लचीला होना चाहिए। पाठ्यक्रम बच्चों के कक्षा एवं आवश्यकताओं के अनुसार ही तैयार किया जाना चाहिए।

शिक्षक – शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक की बहुत ही अहम् भूमिका होती है क्योंकि बच्चा अपने गुरु के पास ही स्कूल शिक्षा ग्रहण करने जाता है एवं एक शिक्षक होने के नाते उसके उपर ही बच्चों के सर्वंगीण विकास का उत्तरदायित्व एक शिक्षक का होता है और वही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, सही मार्ग दिखाना, सही गलत में अंतर बताना यह भी एक शिक्षक का दायित्व होता है।

पर्यावरण – बच्चों को सिखने के लिए सबसे पहले उचित पर्यावरण का होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि बच्चों को सिखने के लिए वातावरण को अधिगम और शैक्षिक के अनुकूल होना चाहिए।

छात्र – छात्र में सबसे पहले सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिए, क्योंकि अगर उस छात्र में सीखने की चाह होगी तो वह जरुर सीखेगा। छात्र खुद अध्ययनशील है तो ही उसका गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास होगा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उद्देश्य –

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उद्देश्य यह है कि छात्रों को इस तरह तैयार करना कि वह किसी भी प्रकार की परिस्थिति में हों वह उसके अनुसार निर्वहन कर पाए एवं छात्र के सामाजिक, आर्थिक गुणों का विकास करना और यही नही कि सिर्फ शैक्षिक विकास पर ही बल दिया जा रहा है बल्कि छात्रों को करके सिखने पर बल दिया जा रहा है। क्योंकि हम जो भी करते हैं वह हमें दुसरे के तुलना ज्यादा जल्दी समझ में भी आता है और हमेशा के लिए याद भी रह जाता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों को समाज में आपस में मिल-जुलकर एक साथ रहना सिखाती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों के मन में भेद-भाव की भावना को उत्पन्न ही नहीं होने देगा।

स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उपाय –

पाठ्यक्रम बाल केन्द्रित होना चाहिए। रटंत विधि को छोड़कर स्वंय करके सीखना। छात्रों के उच्च स्तर को प्रोत्साहित करना। छात्रों को एक- दुसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करना। छात्रों के लिए अधिगम के अनुरूप वातावरण तैयार करना।

निष्कर्ष-

छात्रों का सर्वांगीण विकास करने के लिए उनको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना चाहिए, क्योंकि छात्रों का सिर्फ शैक्षिक विकास करना ही नहीं बल्कि उनका व्यावहारिक एवं सामाजिक गुणों का विकास करना भी बहुत जरुरी है। ताकि जीवन में आगे जाकर वह किसी भी प्रकार की परिस्थिति का सामना कर पाएं और समाज में सभी के साथ मिल-जुलकर रह पाएं।

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